
एनईईटी (National Eligibility cum Entrance Test) भारत में एक महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षा है। इसका उद्देश्य वैज्ञानिक और चिकित्सा क्षेत्र में अध्ययन करने के इच्छुक छात्रों को देश के विभिन्न राज्यों और केंद्रीय संस्थानों में स्नातक और स्नातकोत्तर (डिप्लोमा स्तर) के कार्यक्रमों में प्रवेश प्राप्त करने के लिए है। यह परीक्षा भारत सरकार द्वारा आयोजित की जाती है और एक सामान्य प्लेटफ़ॉर्म पर विचार करने के लिए है।
एनईईटी परीक्षा की स्थापना
एनईईटी परीक्षा की स्थापना वर्ष 2013 में हुई थी, जब यह एमबीबीएस (बैचलर ऑफ़ मेडिसिन और बैचलर ऑफ़ सर्जरी), बीडीएस (बैचलर ऑफ़ डेंटल सर्जरी), एमडी (डॉक्टर ऑफ़ मेडिसिन) और डीएम (डॉक्टर ऑफ़ सर्जरी) जैसे विभिन्न चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश के लिए एक मानकीकृत विश्वविद्यालय स्तरीय परीक्षा के रूप में शुरू की गई थी।
इस परीक्षा के माध्यम से, छात्रों को विभिन्न राज्यों और केंद्रीय संस्थानों में प्रवेश प्राप्त करने का मौका मिलता है, जिससे उन्हें एक संघीय स्तरीय परीक्षा के आधार पर चयनित किया जाता है। यह परीक्षा विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और भौतिकी के विषयों पर आधारित होती है और छात्रों को उनके ज्ञान, समझ और योग्यता का मापन करती है।
एनईईटी परीक्षा को साल में एक बार आयोजित किया जाता है और इसमें मल्टीपल च्वोइस प्रश्न पूछे जाते हैं। छात्रों को प्रश्न पत्र में 180 प्रश्न होते हैं जिन्हें 3 घंटे में हल करना होता है। प्रत्येक सही उत्तर के लिए 4 अंक दिए जाते हैं, जबकि गलत उत्तर के लिए -1 अंक काटे जाते हैं। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए अधिकतम अंक 720 होते हैं।
एनईईटी परीक्षा का मुख्य लक्ष्य छात्रों को चिकित्सा और संबंधित क्षेत्रों में प्रवेश प्राप्त करने का मौका देना है, जिससे वे अपने करियर को उच्चतम स्तर तक ले जा सकें। यह परीक्षा विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण और जीवनीय मील का पत्थर है, जो उन्हें उनके पेशेवर सपनों की ओर अग्रसर करने में मदद करता है।
धांधलीबाजी का आरोप
इस वर्ष, 5 मई को NEET परीक्षा में 24 लाख से अधिक छात्रों ने भाग लिया, जो 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर आयोजित हुई, जिसमें 14 अंतरराष्ट्रीय स्थान भी शामिल थे। इसके बाद, परिणाम 4 जून को घोषित किए गए, जिससे कई समस्याओं का सामना हुआ, जैसे कि 1,500 से अधिक छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने का मुद्दा, असामान्य रूप से अधिक स्कोर प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या, और प्रश्न पत्र लीक होने के आरोप।
इस परिणाम से यह साबित हुआ कि 67 छात्रों ने कुल 720 अंक प्राप्त किए, जो पिछले वर्षों के परिणामों की तुलना में अधिक है। 2023 में केवल दो छात्रों ने पूरे अंक प्राप्त किए थे, जबकि 2022 में तीन, 2021 में दो, और 2020 में एक छात्र था। इस बारे में आरोप भी है कि छह शीर्षकर्ताओं में से हरियाणा के एक ही केंद्र पर परीक्षा दी गई थी।
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